दिल्ली मेट्रो की नई किराया सूची में लंबी दूरी की यात्रा तय करने वालों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। DMRC के पुराने व्यवस्था में 15 स्लैब थे जो कि अब नए किराया सूची में पांच स्लैब तक सीमित कर दिए गए हैं। हम आपको बताना चाहते हैं कि दिल्ली मेट्रो में दो किलोमीटर तक यात्रा करने वालों की संख्या सिर्फ 6 प्रतिशत है। जिन्हें अब सफर करने के लिए 10 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। मेट्रो में 80 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो 15 किलोमीटर से अधिक रोजाना यात्रा करते हैं। ऐसे यात्रियों को अब कम से कम 40 रुपए खर्च करने ही होंगे। मेट्रो किराया बढ़ाने के फैसले का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। लोगों और दिल्ली सरकार के साथ अब आरडब्ल्यूए ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का कहना है कि किराया बढ़ाने को लेकर जब सरकार ने सिफारिश मांगी थी तो इसका खुला विरोध किया गया था। दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा का कहना है कि किराया बढ़ाना एक गलत निर्णय है जिसका सरकार विरोध करेगी। दिल्ली रेजिडेंट फोरम का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत पहले से ही खराब है। ऐसे में मेट्रो किराया बढ़ाया जाएगा तो लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। मेट्रो में जहां पहले अधिकतम किराया 30 रुपए लगता था वो अब बढ़कर 50 रुपए से भी ज्यादा हो जाएगा। मेट्रो किराया बढ़ने के बाद इसका असर आम लोगों पर सीधा पड़ेगा। मेट्रो में रोज सफर करने वाले यात्रियों के साथ स्कूल-कॉलेज के छात्रों और ऑफिस जाने वालों पर भी सीधा असर पड़ेगा।
DMRC ने तर्क दिया है कि मेट्रो के बढ़े किराए से जापान का कर्ज चुकाएंगे। DMRC का कहना है कि पहले और दूसरे चरण के मेट्रो विस्तार के लिए जापान की कंपनी जाइका से 45 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था। मेट्रो हर साल 500 करोड़ रुपए ब्याज जापान को अदा कर रहा है। शहरी विकास मंत्रालय और DMRC की बैठक में किराया कमेटी की सिफारिश को लागू कर दी गई। इसी साल के अक्टूबर में एक बार फिर से मेट्रो किराया में बढ़ोतरी होगी। इसमें अधिकतम किराया 60 रुपए तक कर दिया जाएगा। मेट्रो ने इससे पहले साल 2009 में न्यूनतम किराया 6 रुपए से बढ़ाकर 8 रुपए और 22 रुपए से बढ़ा कर 30 रुपए किया था।