हैदराबाद, 28 अक्टूबर | तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के एक और कर्मचारी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। राज्य के स्वामित्व वाले परिवहन निगम की हड़ताल 24वें दिन भी जारी रही।
महिला कंडक्टर नीरजा (31) ने खम्मम में अपने घर पर फांसी लगा ली। उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि हड़ताल में भाग लेने के कारण उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। परिजनों ने कहा कि अन्य हड़ताली कर्मचारियों की तरह ही उन्हें भी सितंबर का वेतन नहीं मिला था, जिसके चलते वह तनाव में थीं।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पहले ही घोषणा की है कि 48,000 से अधिक कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी है, क्योंकि वह पांच अक्टूबर को समय सीमा समाप्त होने से पहले ड्यूटी पर नहीं लौटे।
नीरजा खम्मम जिले के सत्तुपल्ली में टीएसआरटीसी डिपो में काम करती थीं। उन्होंने दिवाली के एक दिन बाद यह बड़ा कदम उठाया। वह त्योहार मनाने के लिए अपने माता-पिता के घर गई थीं, लेकिन सोमवार को वापस लौट आईं क्योंकि उन्हें टीएसआरटीसी डिपो के सामने अपने सहयोगियों के साथ एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेना था। दो बच्चों की मां नीरजा ने घर में अकेले होने पर फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
नीरजा की आत्महत्या के बाद टीएसआरटीसी कार्यकर्ताओंद्वारा खम्मम और सत्तुपल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए।
टीएसआरटीसी कर्मचारी नीरजा के शव को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। कलेक्टर कार्यालय पर तनाव बढ़ गया क्योंकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया।
नीरजा आत्महत्या करने वाली तीसरी टीएसआरटीसी कर्मचारी हैं। इससे पहले खम्मम में एक ड्राइवर और हैदराबाद में एक कंडक्टर ने खुद की जान ले ली थी। इसके अलावा कुछ अन्य कर्मचारियों की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है।
सोमवार को लगातार 24वें दिन हड़ताल जारी रही। कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए डिपो से लेकर जिला कलेक्टरों के कार्यालयों तक रैलियां निकालीं।
तेलंगाना हाईकोर्ट के निर्देश पर टीएसआरटीसी और हड़ताली कर्मचारियों के नेताओं के बीच शनिवार को हुई वार्ता इस गतिरोध को तोड़ने में विफल रही।
इस बीच हाईकोर्ट ने सोमवार को जनहित याचिका पर फिर से सुनवाई शुरू कर दी है, जिसमें हड़ताल खत्म करने के निर्देश की मांग की गई है।