स्वराज संवाददाता
अभी डेरा सच्चा सौदा और उसके राम रहीम की कहानी सबकी जुबान से हटी भी नहीं थी कि दिल्ली से लेकर यूपी के बस्ती स्थित आश्रमों और उसके बाबाओं के कारनामों ने देश को विचलित कर दिया है और सवाल खड़ा कर दिया है किक्या धर्म के नाम पर चलने वाले ये आश्रम हैं या फिर सेक्स जेल ? सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि संत ,महात्मा और बाबा की भेष में बैठे लोग धार्मिक है या फिर काम वासना के पुजारी ? जिस तरह की घटना दिल्ली स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय और बस्ती स्थित संत कुटीर में घटी है ,वह ना सिर्फ ढोंगी आश्रम ,बाबा और भक्त ,भक्ति पर सवाल खड़ा करता है वल्कि धर्म और धार्मिक आचरण पर भी बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर देता है।
दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए स्पेशल टीम ने यहां बने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर कार्रवाई की है। इस दौरान कई लड़कियों को यहां से बचाया गया है। आरोप है कि यह लड़कियों को बंधक बनाकर रखा जाता था और उनका यौन शोषण किया जाता था।
इस विश्वविद्यालय के प्रमुख बाबा वीरेंद्र दीक्षित पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई लड़कियों के माता-पिता द्वारा की गई शिकायतों पर सुनवाई के बाद जारी किया था। छापे के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
छापे के बाद टीम ने हाईकोर्ट को बताया था कि विश्वविद्यालय में 100 से ज्यादा लड़कियां थीं और उनमें से कई तो नाबालिग थीं। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग और एक टीम ने यहां छापा मारा लेकिन विश्वविद्यालय के लोगों ने उनके साथ खराब व्यवहार किया। बता दें कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी बेटियों से मिलने नहीं दिया जाता जिसके बाद एक एनजीओ ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
उधर ,यूपी के बस्ती का संतकुटीर आश्रम भी सुर्खियों में हैं। जहां के बाबा स्वामी सच्चिदानंद समेत 4 महंतों पर आश्रम की साधवियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आश्रम में रह रहीं 2 साधवियां छत्तीसगढ़ की है और 2 बस्ती की रहने वाली हैं। साध्वियों का आरोप है कि आश्रम के स्वामी सच्चिदानंद और अन्य ने उनके साथ पहले मारपीट की, फिर दुष्कर्म किया।
जानकारी के मुताबिक सदर कोतवाली इलाके के अमहट घाट के पास बना संत कुटीर धाम आश्रम में भक्ती के नाम पर साधवियों से शोषण का मामला सामने आया है। आश्रम में रह रही 4 साधवियों ने आश्रम के स्वामी सच्चिदानंद परम चेतनानंद, विश्वासानंद, ज्ञान बैराज्ञया नंद पर लड़कियों को बंधक बना कर सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट का आरोप लगाया है। पीड़ित साधवियों का कहना है कि आश्रम में उन के साथ दुष्कर्म किया जाता था। मना करने पर रस्सी में बाध कर यातनाएं दी जाती थी। वह किसी तरह आश्रम से भाग जाने में सफल हो गई। जिसके बाद वह एसपी आफिस में पहुंची।
जिसके बाद उन्होंने आपबीती सुना कर न्याय की गुहार लगाई। वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दे दिए हैं।आश्रम पहुंच कर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी ने मुकदमा दर्ज कर पीड़ित लड़कियों के मेडिकल का आदेश दे दिए हैं।
वहीं पीड़ित लड़कियों का कहना है कई प्रदेशों में आश्रम चलता है। जिनमें दिल्ली, नरेला, गोगा मोड़ संत लोक आश्रम, ब्रजघाट गढ़ मुक्तेश्वर आश्रम, बिहार में काकोलत मार्ग पर संत कुटीर आश्रम, बिहार के नवादा जिले में ग्राम सूडी में संत कुटीर आश्रम, मुम्बई के किथौरी रोड बिरार स्टेशन मोहक सीटीसी बिल्डिंग में आश्रम है। इस के अलावा कई अन्य जगहों पर भी बाबा का आश्रम चल रहा है,
जिसमें प्रमिला बाई और कमला बाई लड़कियों को बहला फुसला कर शोषण के लिए मनाती हैं। जो लड़कियां मान जाती हैं उन के साथ शोषण किया जाता है। जो लड़कियां विरोध करती हैं उन के साथ मारपीट कर जबरन दुष्कर्म किया जाता है।
पीड़ित लड़कियों ने पुलिस में दिए शिकायती पत्र में बाबा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बाब नाम बदल कर अपराध करते हैं। इन के खिलाफ बस्ती में दयानंद के नाम से मुकदमा चल रहा है। बाद में इन्होंने अपना नाम बदल कर सच्चिदानंद कर लिया। वहीं दूसरी तरफ आश्रम के संचालक धरमराज चौधरी का कहना है कि लड़कियों द्वारा लगाया जा रहा आरोप निराधार है,पैसों की हेरफेर के मामले में इन को आश्रम से निकाल दिया गया था। इन के साथ मारपीट व शोषण नहीं किया गया। आश्रम में लोग ईश्वर की खोज के लिए जाते हैं, लेकिन जिस तरह से आश्रम के बाबाओं पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। उससे समाज में लोगों का इन आश्रमों से विश्वास उठ जाएगा।
इस विश्वविद्यालय के प्रमुख बाबा वीरेंद्र दीक्षित पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई लड़कियों के माता-पिता द्वारा की गई शिकायतों पर सुनवाई के बाद जारी किया था। छापे के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
छापे के बाद टीम ने हाईकोर्ट को बताया था कि विश्वविद्यालय में 100 से ज्यादा लड़कियां थीं और उनमें से कई तो नाबालिग थीं। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग और एक टीम ने यहां छापा मारा लेकिन विश्वविद्यालय के लोगों ने उनके साथ खराब व्यवहार किया। बता दें कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी बेटियों से मिलने नहीं दिया जाता जिसके बाद एक एनजीओ ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
उधर ,यूपी के बस्ती का संतकुटीर आश्रम भी सुर्खियों में हैं। जहां के बाबा स्वामी सच्चिदानंद समेत 4 महंतों पर आश्रम की साधवियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आश्रम में रह रहीं 2 साधवियां छत्तीसगढ़ की है और 2 बस्ती की रहने वाली हैं। साध्वियों का आरोप है कि आश्रम के स्वामी सच्चिदानंद और अन्य ने उनके साथ पहले मारपीट की, फिर दुष्कर्म किया।
जानकारी के मुताबिक सदर कोतवाली इलाके के अमहट घाट के पास बना संत कुटीर धाम आश्रम में भक्ती के नाम पर साधवियों से शोषण का मामला सामने आया है। आश्रम में रह रही 4 साधवियों ने आश्रम के स्वामी सच्चिदानंद परम चेतनानंद, विश्वासानंद, ज्ञान बैराज्ञया नंद पर लड़कियों को बंधक बना कर सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट का आरोप लगाया है। पीड़ित साधवियों का कहना है कि आश्रम में उन के साथ दुष्कर्म किया जाता था। मना करने पर रस्सी में बाध कर यातनाएं दी जाती थी। वह किसी तरह आश्रम से भाग जाने में सफल हो गई। जिसके बाद वह एसपी आफिस में पहुंची।
जिसके बाद उन्होंने आपबीती सुना कर न्याय की गुहार लगाई। वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दे दिए हैं।आश्रम पहुंच कर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी ने मुकदमा दर्ज कर पीड़ित लड़कियों के मेडिकल का आदेश दे दिए हैं।
वहीं पीड़ित लड़कियों का कहना है कई प्रदेशों में आश्रम चलता है। जिनमें दिल्ली, नरेला, गोगा मोड़ संत लोक आश्रम, ब्रजघाट गढ़ मुक्तेश्वर आश्रम, बिहार में काकोलत मार्ग पर संत कुटीर आश्रम, बिहार के नवादा जिले में ग्राम सूडी में संत कुटीर आश्रम, मुम्बई के किथौरी रोड बिरार स्टेशन मोहक सीटीसी बिल्डिंग में आश्रम है। इस के अलावा कई अन्य जगहों पर भी बाबा का आश्रम चल रहा है,

पीड़ित लड़कियों ने पुलिस में दिए शिकायती पत्र में बाबा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बाब नाम बदल कर अपराध करते हैं। इन के खिलाफ बस्ती में दयानंद के नाम से मुकदमा चल रहा है। बाद में इन्होंने अपना नाम बदल कर सच्चिदानंद कर लिया। वहीं दूसरी तरफ आश्रम के संचालक धरमराज चौधरी का कहना है कि लड़कियों द्वारा लगाया जा रहा आरोप निराधार है,पैसों की हेरफेर के मामले में इन को आश्रम से निकाल दिया गया था। इन के साथ मारपीट व शोषण नहीं किया गया। आश्रम में लोग ईश्वर की खोज के लिए जाते हैं, लेकिन जिस तरह से आश्रम के बाबाओं पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। उससे समाज में लोगों का इन आश्रमों से विश्वास उठ जाएगा।