फैशन की दुनिया में सौंदर्य प्रसाधन का भी अपना अलग स्थान है। जिस तरह से लोग अच्छे और सुंदर कपड़े पहनना पसंद करते हैं, उसी तरह हर प्रकार के फेस क्रीम से लेकर बॉडी लोशन की चाहत रखते हैं। सौंदर्य प्रसाधन का खासकर महिलाएं विशेष रूप से प्रयोग करती हैं। बाजार में तरह-तरह के विभिन्न कंपनियों का ब्रांडेड सौंदर्य प्रसाधन क्रीम, लोशन व लिक्विड उपलब्ध है। मगर इनका प्रयोग करने से पहले सचेत हो जायें। शहर में नकली सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार बधड़ल्ले से पनप रहा है। असली और नकली कौन सा है, इसका अंतर करना मुश्किल है। सभी प्रसाधन सामग्री एक ही जैसी दिखती हैं। यह सब दुकानदार को पता रहता है, लेकिन अधिक मुनाफा कमाने के लालच में वे फंस जाते हैं। नकली प्रोडक्ट में दुकानदार को ज्यादा मुनाफा दिया जाता है। जबकि त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है कि नकली सौंदर्य प्रसाधन त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। अनजाने में इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी गंभीर रोग हो सकते हैं। त्वचा के साथ-साथ ये अन्य संवेदनशील अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं। गौरतलब है कि पांच साल पहले नकली क्रीम के कारोबारियों के यहां खुश्कीबाग में छापेमारी हुई थी। इससे लाखों रुपये की ब्रांडेड कंपनी का नकली फेस क्रीम बरामद हुआ था। तब गोरखधंधा करने वालों में हड़कंप मच गया था। यह धंधा कुछ दिनों के लिए तो बंद रहा, लेकिन अब फिर से पनपने लगा है।् नकली कारोबार का अड्डा खुश्कीबाग और पूर्णिया सिटी को बना लिया गया है। पांच साल बाद हुई छापेमारी के बाद आज तक कोई छापेमारी नहीं हुई है। यह नकली कारोबार किराये के मकान में होता है। कारोबार खासकर रात के 10 बजे से सुबह 5 बजे तक होता है। रात भर रैपर में नकली क्रीम को पैक किया जाता है। इस वक्त लोग सोये हुए रहते हैं और किसी का आना-जाना नहीं रहता है। माफिया रात के समय का भरपूर फायदा उठाते हैं और फिर दिन भर अपने दूसरे काम में लग जाते हैं। किराये के तौर पर मोटी रकम मिलने के कारण मकान मालिक भी अपना मुंह बंद रखते हैं। नकली और असली प्रोडक्ट को अलग कर पाना मुश्किल है। नकली प्रोडक्ट से बचने के लिए हम कंपनी के अधिकृत डीलर के यहां से ही सामान मंगाते हैं। पांच साल पूर्व छापेमारी हुई थी जिसके कारण कई महीनों तक इस गोरखधंधे पर विराम लग गया था। इस बाबत सदर थानाध्यक्ष अवधेश कुमार ने बताया कि खुश्कीबाग के कॉस्मेटिक विक्रेता प्रकाश कुमार ने बताया कि अब तक पुलिस के पास इस तरह की शिकायत नहीं आयी है। नकली क्रीम या प्रोडक्ट्स के लिए छापेमारी करने के लिए संबंधित विभाग को जवाबदेही रहती है। पुलिस मौके पर मौजूद रह कर सुरक्षा व्यवस्था करती है।