दिल्ली ब्यूरो
पश्चिम बंगाल से खबर मिल रही है कि फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ दिया है। भूटिया ने खुद इस बावत ट्वीट करके सबको जानकारी दी है। भूटिया का इस्तीफा ममता के लिए भरी झटका के सामान है। बाईचुंग ने ट्वीट किया कि आज से मैं टीएमसी के सभी बड़े पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं फिलहाल किसी पार्टी का सदस्य नहीं हूं। अब लोक सभा चुनाव के नजदीक आने के बाद भूटिया का यह दिल परिवर्तन बहुत कुछ बता रहा है। आपको बता दें कि इधर कुछ सालों में पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी की शानदार बढ़त हुयी है और कई राज्यों में उसकी सरकार भी बनी है। माना जा रहा है कि हाल में हो रहे तीन राज्यों के चुनाव में भी बीजेपी को पहले की अपेक्षा उम्मीद से ज्यादा सफलता मिलेगी। ऐसे में भूटिया की इस्तीफे को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है कि वह अब स्थानीय स्तर की राजनीति करेंगे।
आपको बता दें कि भूटिया ने 2013 में लोकसभा चुनावों से पहले टीएमसी जॉइन की थी। भूटिया ने 2014 में टीएमसी के टिकट से ही दार्जीलिंग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें लोकसभा चुनावों में दार्जीलिंग सीट से बीजेपी के एसएस अहलुवालिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2016 में भूटिया ने विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाया। ममता की जबरदस्त लहर के बावजूद भी बाईचुंग जीत नहीं दर्ज पाए और सिलिगुड़ी सीट से उन्हें वाममोर्चा के अशोक भट्टाचार्य ने करारी शिकस्त दी थी। इस हार के बाद भूटिया अपने गृह राज्य सिक्किम में ही समय बिता रहे हैं। उनके बीजेपी जॉइन करने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें बीजेपी की ओर से प्रस्ताव मिले हैं। बीजेपी भूटिया के गृहराज्य सिक्किम में एसडीएफ के साथ मिलकर सरकार चला रही है। भूटिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि नई पार्टी जॉइन करने के बारे में वह आने वाले दिनों में कोई घोषणा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि भूटिया ने 2013 में लोकसभा चुनावों से पहले टीएमसी जॉइन की थी। भूटिया ने 2014 में टीएमसी के टिकट से ही दार्जीलिंग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें लोकसभा चुनावों में दार्जीलिंग सीट से बीजेपी के एसएस अहलुवालिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2016 में भूटिया ने विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाया। ममता की जबरदस्त लहर के बावजूद भी बाईचुंग जीत नहीं दर्ज पाए और सिलिगुड़ी सीट से उन्हें वाममोर्चा के अशोक भट्टाचार्य ने करारी शिकस्त दी थी। इस हार के बाद भूटिया अपने गृह राज्य सिक्किम में ही समय बिता रहे हैं। उनके बीजेपी जॉइन करने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें बीजेपी की ओर से प्रस्ताव मिले हैं। बीजेपी भूटिया के गृहराज्य सिक्किम में एसडीएफ के साथ मिलकर सरकार चला रही है। भूटिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि नई पार्टी जॉइन करने के बारे में वह आने वाले दिनों में कोई घोषणा कर सकते हैं।