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स्तन कैंसर का इलाज: चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला बहुत कॉमन कैंसर और मौत का कारण है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, 2022 में ब्रेस्ट कैंसर से दुनियाभर में 670 000 मौत के मामले सामने आए हैं. इस कैंसर में ब्रेस्ट सेल्स जरूरत से ज्यादा मात्रा में बढ़ने लगते हैं और ट्यूमर बनाते हैं.

यदि इसका वक्त रहते शुरू ना किया जाए तो यह ट्यूमर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने लगता है. ब्रेस्ट कैंसर के इस गुण के कारण सर्जरी के बाद भी कई बार मरीज बच नहीं पाता है. लेकिन अब शायद ऐसा ना हो क्योंकि वैज्ञानिक एक ऐसा उपकरण विकसित कर रहे हैं जो ब्रा के अंदर फिट बैठता है और यह देख सकता है कि ब्रेस्ट कैंसर ट्यूमर बढ़ रहा है या नहीं. 

यहां हो रहा है आविष्कार 

यह डिवाइस नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी (एनटीयू) की चिकित्सा प्रौद्योगिकी नवाचार सुविधा द्वारा विकसित किया जा रहा है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह उपकरण ट्यूमर के विकास का पता लगाने का एक नया गैर-इनवेसिव तरीका प्रदान करेगा जिसका उपयोग मरीज अपने घरों में आराम से कर सकते हैं.

ऐसे काम करेगा डिवाइस

यह उपकरण इलेक्ट्रिकल करंट की मदद से ब्रेस्ट में कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थों में छोटे परिवर्तनों को स्कैन करने और उनका पता लगाएगा. चूंकि ट्यूमर टिश्यू हेल्दी टिश्यू की तुलना में अधिक घना होता है और इसमें कम पानी होता है, इसलिए डिवाइस रियल टाइम में ट्यूमर में बदलाव और विकास को 2 मिमी तक मापने में सक्षम होगा.

आसान है इस्तेमाल

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस उपकरण का उपयोग मरीज ब्रा में रखकर कर सकता है. या इसे एक नई ब्रा के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिसमें डिवाइस शामिल होगा, जो डेटा रिकॉर्ड करेगा और इसे पहनने वाले और उनकी मेडिकल टीम को स्मार्टफोन के माध्यम से भेजेगा. 

बढ़ सकती है मरीज के जीने की संभावना 

एनटीयू में इलेक्ट्रॉनिक टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ डॉ. यांग वेई का कहना है कि यह तकनीक रोगी के जीवित रहने की संभावना में सुधार करने में मदद करेगी. क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर का ट्यूमर छह महीने में 1 मिमी या छह सप्ताह में 2 मिमी तक बढ़ सकता है. ऐसे में इसके इलाज के लिए इसे ट्रैक करना बहुत जरूरी होता है.