चैम्पियंस ट्रॉफी से पूर्व अपने पहले अभ्यास मैच में कल जब न्यूजीलैंड का सामना करेगा तो सभी की नजरें शीर्ष ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पर टिकी होंगी।
इंडियन प्रीमियर लीग में छह हफ्ते खेलने के बाद दो अभ्यास मैचों से टीम इंडिया को 50 ओवर के प्रारूप से सामंजस्य बैठाने में मदद मिलेगी और टूर्नामेंट से पहले टीम स्थायी संयोजन तैयार करना चाहेगी।
भारत ने अपना पिछला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी में खेला था।
मैच को आधिकारिक दर्जा हासिल नहीं है इसलिए टीम के सभी 15 सदस्यों को खेलने का मौका मिलेगा। सभी की नजरें अश्विन पर लगी हैं जो दो महीने के ब्रेक के बाद वापसी कर रहे हैं क्योंकि बीसीसीआई चाहता था कि घरेलू सत्र में सभी 13 टेस्ट खेलने के बाद थकान से उबरने के लिए वह आईपीएल में नहीं खेले।
अभ्यास मैच अश्विन को मैच अभ्यास का पर्याप्त मौका देगा क्योंकि अगर टीम प्रबंधन अंतिम एकादश में सिर्फ एक विशेषज्ञ स्पिनर के साथ उतरने का फैसला करता है तो उन्हें अंतिम एकादश में रविंद्र जडेजा से चुनौती मिल सकती है।
अश्विन को इस मैच के जरिये ओवल की सपाट पिच पर केन विलियमसन, मार्टिन गुप्टिल और टाम लैथम जैसे खिलाड़ियों के खिलाफ अपने कौशल को परखने का मौका मिलेगा।
सीमित ओवरों के क्रिकेट में अश्विन का प्रदर्शन उतना अधिक प्रभावी नहीं है लेकिन तमिलनाडु के ऑफ स्पिनर ने हाल में कहा था कि वह चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए अपने तरकश में नये तीरों के साथ तैयार हैं।
उम्मीद की जा रही है कि अश्विन इन अभ्यास मैचों में इन नये वैरिएशन को आजमाएंगे। शमी को भी इस मैच से अभ्यास का पर्याप्त मौका मिलेगा। यह तेज गेंदबाज सिडनी में 2015 में विश्व कप सेमीफाइनल के बाद से भारत के लिए 50 ओवर का क्रिकेट नहीं खेला है।
शमी अगर फिट होते हैं तो भारत के लिए अहम साबित हो सकते हैं क्योंकि वह तेज गति से गेंदबाजी करने के अलावा गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने तथा यार्कर करने में सक्षम हैं। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के अलावा हार्दिक पंड्या का पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पहले मैच में खेलना लगभग तय माना जा रहा है और ऐसे में शमी अपना दावा मजबूत करना चाहेंगे।