पीएनबी बैंक में साढ़े 11 करोड़ के घोटाले का करता धरता नीरव मोदी परिवार का अचानक देश छोड़कर भाग जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है। घटना को सिलसिलेवार तरीके से देखा जाय तो लगता है कि नीरव मोदी को यह पता चल गया था कि उसके कुकर्मो की पोल खुलने वाली है और उसपर कार्रवाई हो सकती है। तारीख वार अध्ययन किया जाय तो पता चलता है कि इस घोटाले को लेकर 29 जनवरी को पीएनबी ने सीबीआई के पास शिकायत दर्ज करायी थी। जबकि खबरों के मुताविक नीरव मोदी एक जनवरी को ही देश छोड़कर जा चुके थे। इसका दूसरा पहलू ये हो सकता है कि नीरव मोदी को किसी ने पहले ही ये बता दिया हो कि उनके खिलाफ कार्रवाई होने वाली है?
क्योंकि पीएनबी द्वारा सीबीआई में शिकायत करने से पहले सिर्फ नीरव मोदी ने ही देश नहीं छोड़ा था, बल्कि उनकी पत्नी, भाई और बीजनेस पार्टनर भी देश छोड़ चुके थे। नीरव मोदी की पत्नी अमेरीकी नागरिक हैं वो भारत में रह रही थीं लेकिन अचानक ही 6 जनवरी, 2018 को भारत छोड़कर चली गई। नीरव मोदी के भाई निशाल मोदी जो इस बैंक घोटाले में सहआरोपी भी है, उसके पास बेल्जियम की नागरिकता है। नीशाल मोदी भी एक जनवरी को देश छोड़कर जा चुका था। इतना ही नहीं नीरव मोदी का बिजनेस पार्टनर मेहुल चौकसी भी 6 जनवरी को देश छोड़कर जा चुका था। हो सकता है कि यह सब महज संयोग हो और यह भी हो सकता है कि उसके चाहने वाले राजनीति ,सरकार और बैंक ,जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारी उसे कार्रवाई की आगाह करके देश से बाहर चले जाने को कहे हो। यह सब सिर्फ संयोग नहीं हो सकता। उसे भगाने में किसी का हाथ जरूर लगता है।
ये कैसा संयोग है कि देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले से जुड़े सभी लोग अचानक ही देश छोड़कर भाग गएं? अगर इसे संयोग कहा जाएगा तो एक संदेह को भी जगह मिलनी चाहिए, क्या ऐसा नहीं हो सकता कि नीरव और उनके परिवार पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी उन तक पहले ही पहुंचा दी गई थी? नीरव मोदी देश के सबसे बड़े उधोग घराने (अंबानी) के संबधी हैं। और मोदी सरकार के करीबी भी, ऐसे में ये संदेह क्यों न किया जाए कि नीरव मोदी को देश से जानबूझकर भगाया गया है? अब इसकी जांच कैसे होगी और कौन करेगा यह देखने की बात है।