दिल्ली ब्यूरो
एक तरह संसदीय कार्यवाही शुरू हो गयी है तो दूसरी तरफ पूर्वोत्तर में बीजेपी की भारी जीत के बाद पक्ष विपक्ष के बीच चल रहे रार भी अपने चरम पर है। बीजेपी पूर्वोत्तर की जीत पर जश्न मना रहा है तो धरे में बंटा विपक्ष कही एक जुटता को लेकर प्रयास रत है तो कही अपनी किला बचाने को लेकर उद्धत है। इसी बीच टीएमसी नेता और ममता बनर्जी के खास सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पीएम मोदी को लेकर भविष्यवाणी कर दी है। उन्होंने कहा है कि पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2018 को लाल किले की प्राचीर से अंतिम बार भाषण देंगे। गौरतलब है कि बंगाली बहुल त्रिपुरा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बीच ब्रायन ने यह भविष्यवाणी की है।
मीडिया से बातचीत में ब्रायन ने कहा, ‘पहले 2019 को संभालें, फिर उसके बाद बंगाल के बारे में कल्पना करें। यह भाजपा के लिए हमारा स्पष्ट संदेश है। अगर उनका निशाना बंगाल है तो हमारा टारगेट लाल किला है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि पीएम नरेंद्र मोदी 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भाषण नहीं दे पाएंगे।’ वहीं ब्रायन ने विपक्षी दलों से आह्वान किया कि वे पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए एक साथ आएं। साथ ही भाजपा से सवाल किया कि त्रिपुरा में जीत के बाद इतना खुश क्यों है। यह भी कहा कि राजस्थान में लोकसभा उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। ब्रायन ने कहा, ’15 दिन पहले ही राजस्थान उपचुनाव के नतीजे आए हैं। इसमें अलवर की सीट भी शामिल है जहां वर्ष 2014 में उसने 2.80 लाख वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन उपचुनाव में उसे 1.50 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा।’
आपको बता दें कि मेघालय ,त्रिपुरा और नागालैंड के चुनाव परिणाम में भाजपा ने त्रिपुरा में सीपीएम के 25 साल के शासन को उखाड़ फेंका और राज्य में केसरिया परचम लहराया। त्रिपुरा में 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक आबादी में 30 फीसदी आदिवासी समुदाय के लोग हैं, जबकि 66 फीसदी लोग गैर-आदिवासी बंगाली हिंदू हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी का त्रिपुरा में आना ममता के लिए ख़तरा है। चुकी त्रिपुरा में बड़ी संख्या में बँगला भाषी समाज है और टीएमसी की वहाँ मजबूत जड़ें रही है ऐसे में बीजेपी की जीत को लेकर टीएमसी कुछ ज्यादा ही परेशान है।